शुक्रवार, 26 मार्च 2010

बताईये सबसे घटिया टीवी समाचार चैनल कौन सा है ?



यूं तो इन दिनों टीवी समाचार चैनलों पर कुछ भी कहना सुनना व्यर्थ ही है ।आज चौबीस घंटे तक गला फ़ाड फ़ाड कर समाचार दिखाते ये चैनल , समाचार को दिखाने से पहले उसे बनाते कैसे हैं , उसे पैदा  कैसे करते हैं , उसे एक्सक्लुसिव का तडका कैसे लगाते हैं ? और इसके लिए कैसे कैसे आडंबर रचते/रचवाते हैं ये जितना खुद मीडिया को पता है उतना ही अब आम लोगों को भी पता है । अब तो वो स्टिंग औपरेशन्स का टीआरपी बढाने वाला जादुई दौर भी नहीं रहा । तभी तो आजकल समाचार चैनल , टीवी धारावाहिक , विभिन्न हास्य व्यंग्य कार्यक्रमों , रिएल्टी शोज़ आदि को भी समाचार बना कर परोस रहे हैं ।

                               इसके साथ ही कभी तंत्र मंत्र , कभी ग्रह ज्योतिष , तो कभी कुछ और भी खूब जमा जमा कर परोस रहे हैं । अपराध की दुनिया की खबरों को नाट्य रूपांतर का मसाला लगा कर तो गज़ब तरीके से पेश किया जा रहा है ।और इन सबके बीच तमाम झूठे सच्चे , सडे गले विज्ञापन तो हैं ही । किसी भी दुर्घटना /हादसा/अपराध आदि का होना तो इनके लिए ठीक वैसा ही होता है जैसे ..गिद्धों के लिए ताजी लाश ..फ़िर वो चाहे इंसानों की हो या पशुओं की क्या फ़र्क पडता है ? न तो इन समाचार चैनलों का कोई थिंक टैंक होता है , न ही कोई ऐसी योजना जिसके लिए संवाददाता को कोई विशेष मेहनत , कोई बहुत कठिन परिश्रम करने की जरूरत हो । इन सभी समाचार चैनलों का दायरा असल में इतना सिमट सा गया है कि चौबीस घंटों में भी इनके पास दिखाने बताने को वही घिसा पिटा रवैया ही है ।
                         
                              इन समाचार चैनलों में कितनी संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी का एहसास बचा है उसका अंदाज़ा कारगिल हमले के समय और फ़िर मुंबई के ताज होटल पर हुए आतंकी हमले के समय की गई रिपोर्टिंग से ही पता चल जाता है । जिन कैमरों को यही पता नहीं होता कि उन्हें दिखाना क्या है और जो वे दिखाने जा रहे हैं उसका प्रभाव , जिसे दिखाने जा रहे हैं उसपर कैसा होगा । मगर नहीं शायद , ये सोचने की फ़ुर्सत किसे है ?
 इनपर जितना भी कहा जाए कम है ..मगर आज जाने क्यों मन कर रहा है ये पूछने का कि तमाम समाचार चैनलों में ..वो कौन सा चैनल है तो आपको निहायत ही घटिया है ....। यदि मुझसे पूछते हैं तो ..एक ही स्वर में कहूंगा कि ...इंडिया टीवी । कारण बहुत से हैं ......और आपके लिए ?????

25 टिप्‍पणियां:

  1. बतलाने के लिए इनाम बांट रहे हो

    या इसके लिए भी वसीयत ...

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  2. झा जी, इन चेंनेलस पर समाचार भी आते है क्या हमको तो पता ही नहीं था ,वैसे जब से ब्लॉग्गिंग में घुसे है टी वी देखने की फुर्सत ही नहीं है

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  3. हमारा यानि जनता का ही दोष है .. यदि ऐसी खबरों के कारण इनकी टी आर पी न बढे .. तो कल ही वे ऐसी खबरें दिखलाना छोड देंगे .. और वहीं दिखलाएंगे जो हमें अच्‍छा लगेगा !!

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  4. ओह, India TV news channel hai? मै तो आज तक कॉमेडी चैनल समझ कर देख रहा था, उनकी न्यूज़ का तो नहीं मालूम, पर ये लोग कॉमेडी बहुत अच्छी कर लेते हैं ;)

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  5. गनीमत है मैं टीवी नहीं देखता

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  6. ऐसी वाहियात खबरें दिखाने से तो अच्छा है कि रजत शर्मा चुल्लु भर पानी में डूब मरे

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  7. झा साब जीने खाने दोगे या नही गरीबों को।

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  8. Ye Bata Pana Jara Mushkil Hai, Kyonki Sab ek Hi Thali Main Khana Khate Hain.

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  9. hamen to SAB t v dekhne se hee fursat nahi miltee...samachar dekhe hue arsa ho gaya hai...

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  10. बहुत मुश्किल सवाल पूछते हैं आप…

    इसी सवाल को उलटा घुमाफ़िरा कर मैं पूछता हूं…, एक बाड़े में 6-7 सूअर मौजूद हैं, कौन से सूअर को "किस" करना चाहेंगे? :) :)

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  11. गन्दा है पर धंधा है ये....

    कुंवर जी,

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  12. इनपर अंकुश लगे तो कैसे , अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ढाल है इनके पास

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  13. लाइसेंस 24x7 समाचार दिखाने का है और बनाते क्या हैं. #@!%$^%

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  14. अजय जी, ठीक कह रहे हैं आप. सौ प्रतिशत सहम्त हूँ आपसे. कभी इस चैनल पर समाचार आते थे, पर अब तो मैंने इसे देखना ही बन्द कर दिया है. मुझसे भी कोई पूछे तो मैं घटिया चैनलों में इसे ही नम्बर वन कहूँगी.

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  15. हम आपकी बात से पूर्णरूपेण सहमत हैं. हर आदमी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं रजत जी का समय अभी उतार का चल रहा है.
    सोनल जी की टिप्पणी मजेदार है.

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  16. मेरी काबलियत देखिये बिना पढ़े टिपिया रहा हूं. इसलिये क्योंकि बैकग्राऊंड जबरदस्त काली है. यदि मेरे कम्प्यूटर के डिस्प्ले में दिक्कत नहीं है तो आपसे निवेदन है कि टेम्प्लेट की बैकग्राऊंड का रंग बदल दें. अविनाश जी की दाढ़ी वाली फोटो तो गजब ढ़ा रही है.

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  17. भारतीय नागरिक जी ..शायद आपके यहीं कुछ गडबड है क्योंकि इसका टैम्प्लेट तो बहुत ही हल्के आसमानी रंग का है ....फ़िर से देखिए तो शायद ठीक दिखे
    अजय कुमार झा

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मुद्दों पर मैंने अपनी सोच तो सामने रख दी आपने पढ भी ली ....मगर आप जब तक बतायेंगे नहीं ..मैं जानूंगा कैसे कि ...आप क्या सोचते हैं उस बारे में..

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