गुरुवार, 4 मार्च 2010

आधुनिक बाबा या सफ़ेदपोश अपराधी

समाज में जितनी तेजी से पाप बढता गया ,उससे दोगुनी तेजी से ही लोगों ने शायद इसी भ्रम में धार्मिक क्रियाकलापों में लिप्त रहने की अपनी इच्छा दिखाई कि शायद इसी बहाने से उनके पाप कट सकें । इस तथाकथित घोषित किए जा चुके कलियुग में भी लगाता बढते देवी देवताओं की संख्या ( यहां मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैंने अनुभव किया है कि देवी देवताओं की पूजा व्रत का भी ट्रेंड बनता और परिवर्तित होता रहा है ..जैसे बचपन में संतोषी माता का व्रत ही देखता सुनता था तो अब वृहस्पति देव की और साईं बाबा की पूजा होते देखता हूं ) । खैर ये मेरा विषय नहीं है । इस कलियुग में यदि धर्म के नाम पर किसी ने उन्नति की है तो वो हैं तो वो हैं मंदिरों/ मठों और इसी तरह के धार्मिक संस्थानों के ट्रस्टी या देखभाल करने वाले ...और उनसे भी बढकर तीव्रगति से बढने वाले धर्मगुरुओं की जमात । कमाल की बात तो ये है अधर्म के पर्याय माने जाने वाले इस युग में इन धर्मात्माओं और धर्मगुरूओं की संख्या तो अब इतनी हो गई है कि उतनी तो शायद सतयुग और द्वापर में भी नहीं होगी ।

अभी हाल ही में दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे ही धर्मगुरू की अय्याश जिंदगी और तमाम तरह के अपराधों में लिप्तता का भांडाफ़ोडा ही था कि आज फ़िर एक और खबर आ गई । आज ही समाचारों में देखा कि बंगलौर में स्वामी परमहंस नामके एक ऐसे ही धर्मगुरू की अश्लील सीडी को वहां के स्थानीय टेलिविजन पर दिखाए जाने के बाद उनका भंडा फ़ूट गया है । और ऐसा नहीं है कि धर्म के नाम पर अपनी इस दुकानदारी को चलाने वाले इन धर्मगुरूओं का असली रूप पहली बार सामने आया है । बल्कि यदि ये कहा जाए कि आधुनिक समय में प्रवचन/दीक्षा/साधना/अराधना /भक्ति के नाम पर अलग अलग तरह से अपने प्रपंचों से समाज को बर्गलाते ये सभी बाबा लोग असल में कभी न कभी अपनी सफ़ेदपोशी के अंदर छिपे दाग से ग्रस्त तो हुए ही हैं । फ़िर चाहे वो धीरेंद्र ब्रह्मचारी हों या चंद्रा स्वामी हों , या आसाराम बापू या फ़िर सुधांशु महाराज , कोई सत्य साईं हों या कि ऐसे ही स्वामी परम हंस । सभी बाबा लोग कभी न कभी , किसी न किसी तरह के अनैतिक और आपराधिक कृत्य में लिप्त जरूर पाए जाते रहे हैं और पकडे और छूटते भी रहे हैं ।

इन आधुनिक भक्तों और धर्मगुरूओं से जुडी कुछ दिलचस्प बातों का भी खुलासा हुआ है । ये सभी तथाकथित धर्मगुरू लोग इस धर्मगुरू के व्यवसाय से पहले धूल फ़ांकने वाली जिंदगी ही गुजर बसर कर रहे होते हैं । शायद ही कोई करोडपति- अरबपति ऐसा हो जो बाद में बाबा बन गया हो ..हां बाबा लोगों को करोडपति अरबपति बनते जरूर देखा जाता है । जाने किन कारणों से इन बाबाओं के अनुयायियों में अच्छे खासे पढे लिखे , संपन्न , राजनीतिज्ञ, बडे व्यावसायी, और जाने कौन कौन सभी शामिल हो जाते हैं । ये बडे ही हैरत की बात है कि आखिर कौन सी वो वस्तु है जो इन्हें इन सफ़ेदपोशों की चिरौरी करने पर मजबूर कर देती है ।एक और आश्चर्यजनक बात ये भी है कि ये सभी बाबा किसी न किसी रूप में औरतों का शोषण करके अपनी लिप्सा भी जाहिर करते रहे हैं । बडे नेताओं अधिकारियों से इनकी जान पहचान ही वो वजह होती है जिसके कारण ये लोग कानून की गिरफ़्त में फ़ंसने के बावजूद भी बडी आसानी से बच निकलते हैं । रोजाना पुलिस मीडिया द्वारा बार बार इन ढोंगी बाबाओं की सारी कलई खोल देने के बावजूद समाज द्वारा इन बाबाओं को समाज से उखाड कर नहीं फ़ेंकने में हो रहा विलंब खुद समाज के लिए आत्मघाती साबित होगा । अब समय आ गया है कि इन तमाम सफ़ेद पोशों को समाज की हद से बाहर निकाल कर ,उन्हें सही में किसी पर्वत /कंदरा/ या वन में छोड आना चाहिए ताकि यदि समाज का भला न कर सकें तो कम से कम बुरा भी न कर सकें ।

13 टिप्‍पणियां:

  1. प्रश्रय तो हम आप ही देते है इन पाखंडियों को.
    समाज में जो रहने लायक ही नही है उसे सम्मान दिया जायेगा तो यही होगा.

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  2. हाँ! टी.वी. में देखा था......मन खिन्न हो गया था... ....

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  3. फिर भी इन बाबाओं के पीछे दुनिया पगलाती है -ताज्जुब है !

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  4. हमें इतना भी अंधभक्‍त नहीं होना चाहिए !!

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  5. धर्म के आड़ में ऐसी कारनामें करने वाले बाबा जी लोग को कड़ी से कड़ी सज़ा देनी चाहिए...

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  6. सच असफल है
    इसलिए झूठ सफल है
    सच हम हैं
    झूठ वे हैं
    पकड़े तो जाते हैं
    पर फिर नये आ जाते हैं
    हम फिर से असफल हो जाते हैं।

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  7. sahi kaha aapne. parivartan to ho raha hai lekin dheere dheere ise bahut hi tej hone ki zarurat hai,tabhi is tarh ke babaao par shikanja kasaa ja sakta hai.

    VIKAS PANDEY

    http://vicharokadarpan.blogspot.com/

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  8. Aise babao ne dharm ko vyapar bana rakkha hai ya yun kahe ashtha ko khilwad samjh rakkha hai ...!!
    Behad sharm ki baat hai

    Aur aap bataiye to kitane dino se Kavya tarang par padhare hi nahi ..!!

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  9. झा सर, आपने गलत फोटो लगा दी है. जो भी देखेगा उसे लगेगा कि ये अपराधी हैं. कृपया फोटो बदलें.

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  10. प्रिय बीरेन्द्र जी ,धन्यवाद मगर ये तस्वीर सिर्फ़ आधुनिक बाबाओं के एक उदाहरण स्वरूप लगाया गया था ..इसलिए कहीं भी नहीं लिखा कि उपरोक्त चित्र किसी बाबा अपराधी का है ....चलिए फ़िर भी हटा देता हूं क्योंकि बात तो बिना चित्र के भी कही जा सकती है जो मैंने कह दी ..आपका पुन: धन्यवाद
    अजय कुमार झा

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मुद्दों पर मैंने अपनी सोच तो सामने रख दी आपने पढ भी ली ....मगर आप जब तक बतायेंगे नहीं ..मैं जानूंगा कैसे कि ...आप क्या सोचते हैं उस बारे में..

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