बिहार में इन दिनों नीतिश सरकार अदभुत प्रयोगों के दौर से गुजर रही है । राज्य सरकार नित नए नए ऐसे निर्णय ले रही है और जनता के लिए नए कानूनों को लाने की पहल कर रही है जिसके आगामी परिणाम निश्चय ही दूरगामी और सकारात्मक होंगे । अब ऐसी ही एक नई शुरूआत करते हुए राज्य में हाल ही में राईट टू सर्विस बिल को पास कराने के बाद राज्यपाल की हरी झंडी मिल जाने के बाद अब सरकार इस कानून को लागू करने की अधिसूचना जारी करने वाली है । इस कानून के लागू होने के बाद आम जनता के बहुत से मुख्य कार्य अधिकारियों , कर्मचारियों को एक निश्चित समय सीमा के अंदर करके देना होगा । ऐसा नहीं हो पाने पर विलंब के लिए स्पष्टीकरण और नहीं दिए जाने पर कडे दंड का प्रावधान किया गया है ।
इस कानून में जाति-आवास आय प्रमाण पत्र से लेकर राशान कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली कनेक्शन तक की समय सीमा तय कर दी है । इसका उल्लंगन करने वाले अफ़सर से प्रतिदिन २५० रुपए की दर से पांच हज़ार रुपए तक जुर्माना वसूलने व विभागीय कार्वाई तक के प्रावधान किए गए हैं । ऐसी उम्मीद की जा रही है कि ,इस कानून के लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों के लिए कोई भी फ़ाइल दबा पाना बहुत मुश्किल होगी । ज्ञात हो कि अभी हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण में ये बात सामने आई थी कि भारत में सबसे ज्यादा रिश्वत ग्रामीण जनता द्वारा ही दी जाती है और वो भी अपने मूल बुनियादी कागजातों आदि को बनवाने के लिए ही दी जाती है । ऐसे में यदि आम आदमी को सरकार के इस कानून से अपने कागज़ात एक तय समय सीमा के भीतर पाने की सुनिश्चितता तय होगी तो ये नि:संदेह एक परिवर्तनकारी नियम साबित होगा ।
सरकार ने फ़िलहाल जो रूपरेखा तैयार की है वो कुछ इस तरह की है
प्रमाण पत्र रिपोर्ट
कार्य अफ़सर निपटारा (दिन )
जाति प्रमाण पत्र बीडीओ १५
आवास प्रमाण पत्र बीडीओ १५
आय प्रमाण पत्र बीडीओ १५
नया राशन कार्ड एसडीओ ६०
पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रभारी डॉक्टर ०३
वृद्धावस्था पेंशन बीडीओ २१
लाइसेंस
जविप्र दुकान एसडीओ ३०
खाद दुकान जिला कृषि पदा. ३०
बीज दुकान अनु.कृषि पदा. ३०
दाल-आटा मिल मुख्य कारखाना अधी. ३०
ईंट-भट्ठा जिला खनन पदा. ३०
आरा मशीन प्रमंडलीय वन पदाधिकारी ३०
बिजली
एलटी कनेक्शन कार्यपालक अभियन्ता ३०
गलत बिलिंग सहायक अभियन्ता २४ घंटा
फ़्यूज मरम्मत (शहरी) सहायक अभियन्ता ४ घंटा
फ़्यूज मरम्मत (ग्रामीण) सहायक अभियन्ता २४ घंटा
ब्रेक डाउन (शहरी) सहायक अभियन्ता ६ घंटा
परिवहन
ड्राइविंग लाइसेंस डीटीओ ३०
स्मार्टकार्ड में लाइसेंस बदलाव डीटीओ ०७
और ये तो सिर्फ़ चंद उदाहरण हैं , यदि सच में ही राज्य सरकार अपने विभागों और कर्मचारियों को कम से कम इस कानून के सम्मान की खातिर ही पुराने रवैये से बाहर निकलने और एक नई छवि बनाने में निश्चित रूप से सफ़लता मिल सकेगी । देखना ये है कि ये कानून आम जनता के लिए और सरकार के लिए कैसे बदलाव ले कर आ पाता है । किंतु इससे इतर ये बात उठ रही है कि राइट टू सर्विस बिल को पूरे देश भर में लागू किया जाना चाहिए और न सिर्फ़ इन सेवाओं में बल्कि , हर सार्वजनिक क्षेत्र में , जैसे सडक मरम्मत , मुकदमे को निपटाने में लगने वाला समय, निश्चित अवधि में पढाई और परीक्षा की सुनिश्चितता आदि जैसे सभी क्षेत्रों में इसे लागू कर देना चाहिए ।
हा नितीश लोकप्रिय जनहितकारी
जवाब देंहटाएंbadhiyaa pahal
जवाब देंहटाएंकमाल की जानकारी आपने उप्लब्ध करायी है। ये एक अद्भुत पहल है~! इससे लोगो का काफ़ी भला होगा। यह देख लगता है कि राज्य सरकार काफ़ी प्रभावी ढ़ंग से जनता की भलाई के लिए काम कर रही है। सच कहा आपने इसे सारे देश में लागू होना चाहिए।
जवाब देंहटाएंSaarthak Kadam, jiske liye Nitish ji badhayi ke patra hain.
जवाब देंहटाएं............
खुशहाली का विज्ञान!
ये है ब्लॉग का मनी सूत्र!
बधाई हो! अपने ब्लॉगर पर ई नियम कब लागू होगा कि कम-से-कम टीपने की मियाद कितने दिन की हो ?
जवाब देंहटाएं