महंत सुन्दर दास ...धर्म और आस्था के नाम पर आडम्बर और धूर्तता से अकूत धन संपत्ति का मालिक बना एक और पाखंडी , इन दिनों चर्चा में है .....कारण भी कोई नया नहीं ...स्त्री का शोषण | समझ में नहीं आता कि इन हैवानों पर क्रोध किया जाए या उन मूर्ख महिलाओं , स्त्रियों , युवतियों के ऊपर क्षुब्ध हुआ जाए जो आसानी से इनके चंगुल में फंस जाती हैं |
इनसे भी अधिक गुस्सा , सरकार , प्रशासन , पुलिस और ये सबसे पहले सबसे तेज़ , चीखते चिल्लाते मीडिया पर आता है ...जो बरसों तक ये सब जानते बूझते हुए भी चुपचाप सब कुछ देखते रहते हैं | इस पाखंडी पर वर्ष 2000 से उच्च न्यायालय में मुकदमा चल रहा है | स्थानीय थाने में सालों से सात आठ प्राथमिकी दर्ज़ हैं इस धूर्त महंत के खिलाफ , जिसमें से एक ,महंत के आश्रम की शिष्या को ज़िंदा जला कर मार देने जैसे घृणित अपराध की भी है |
कहाँ हैं वे न्यायालय जो सड़क , नाले , हवा , आदि स्वतः संज्ञान लेने को आतुर रहते हैं ??
कहाँ है वो पुलिस , सीआईडी , सीबीआई जो समाज में घटते ऐसे अपराधों के अड्डे और इसके करता धर्ता की बू नहीं सूंघ पाई ??
कहाँ है सुशासन का दावा करने वाली प्रदेश सरकार और उसके नुमाईंदे ??
सब यहीं हैं ...सालों से ,बरसों से ...और वो पाखंडी धूर्त महंत भी ..इतने ही सालों से ..ये सब करता चला आ रहा है | देश के भीतर पनप रहे ऐसे घुन सरीखे अपराधियों के पहचान करके उन्हें पूरी तरह समाप्त करना , देश के लिए किसी भी जरूरी काम से ज्यादा जरूरी है |
ये भी एक संयोग मात्र ही है कि सालों तक कांग्रेसी राज़ में पनपे ये पाप के घड़े ठीक उसी सरकार में फूट रहे हैं जिस पर हिन्दुवादी होने का आरोप लगातार लग रहा है |