स्याही प्रकरण से उठते सवाल
आपको रोटी सिनेमा का यह गाना याद है , इसमें सिनेमा में मक्कार साहूकार का किरदार निभाने वाली जीवंत कलाकार जीवन की बेटी को सब चरित्रहीन कहकर उस पर पत्थर बरसाने लगते हैं उसी समय उस सिनेमा के नायक राजेश खन्ना आकर सबको यह कहकर रोक देते हैं की आज हम इस पापिन को सब मिलकर सजा देंगे लेकिन पहला पत्थर मारने का हक सिर्फ उसको है जो खुद पापी नहीं है || ज्योति किसी पर जूता फेंकने स्याही फेंकने अभी जैसे प्रकरणों को देखता हूं तो सबसे पहला ख्याल यही मन में आता है।। .......देखिये ये गाना .....
हाल ही में इस बढ़ती हुई प्रवृत्ति का शिकार हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ||इसमें कोई संदेह नहीं कि वर्तमान सरकार में और खुद आम आदमी पार्टी में यदि अब भी कोई सो प्रतिशत सोने का खरा व्यक्ति है तो वह सिर्फ खुद मनीष सिसोदिया हैं || इसका प्रमाण आज स्वयं उन्होंने एक बार फिर दिया और स्याही मुंह पर गिरने के बावजूद वह शांत और स्थिर बने रहे। सबसे दुखद स्थिति यह है कि यह प्रवृत्ति अब दिनों दिन बढ़ती जा रही है और इस प्रवृत्ति का शिकार देर सवेर हर बड़े दल का नेता हो रहा है कभी किसी प्रेस वार्ता में तो कभी किसी जनसभा में कभी किसी चुनाव प्रचार रैली में इस प्रकार का व्यवहार किया जाना निश्चित रूप से बहुत ही ज्यादा निंदनीय हो खतरनाक है।
यह किसी एक दल किसी एक सरकार या किसी एक विचारधारा के लिए सीमित प्रश्न नहीं है ,बल्कि यह तो लोकतंत्र के आधार - जन संवाद को ,हतोत्साहित करने का ,एक बहुत ही निंदनीय प्रयास है । इसके पीछे चाहे वजह कोई एक राजनीतिक दल या फिर किसी एक व्यक्ति का ही क्यों ना हो ,इन प्रवृतियों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए | किंतु वर्तमान राज्य सरकार व दिल्ली पुलिस के बीच जिस तरह की आपकी तनातनी का माहौल है उसे देखते हुए ऐसा लगता नहीं है कि दिल्ली पुलिस की तरफ से फिलहाल कोई सख्त कदम व नीति अपनाएगी ||
अलबत्ता पिछली कुछ घटनाओं के बाद पुलिस व् संबद्धित संस्थाएं , सुरक्षा में काफी संजीदा भी दिखाई जरूर देती है लेकिन निष्कर्ष और कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सार्वजनिक और शीर्ष पदों पर बैठे हुए व्यक्तियों की शारीरिक वह मानसिक भी सुरक्षा की व्यवस्था जरूरी पुख्ता की जानी चाहिए ||और इसके लिए जरूरी नीतियां बनाई जानी चाहिए |और ऐसे लोगों को भड़काए जाने उकसाये जाने के जिम्मेदार लोगों को भी सख्त शारीरिक दंड दिया जाना चाहिए ,जबकि रिकार्ड के अनुसार यहाँ उल्लेखनीय है कि कभी इसी तरह जूता फेंक कर और थप्पड़ मार कर सुर्ख़ियों में आने वाले जरनैल सिंह बाद में आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लडे व् विधायक भी बने | ..जो भी बेहद अफसोसनाक प्रवृत्ति है ये ....................................