tag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post7859862790758319065..comments2023-05-28T02:59:32.011-07:00Comments on आज का मुद्दा...........: बदलाव आते नहीं है , लाए जाते हैं ........अजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-16804613891700871142010-04-05T00:28:55.038-07:002010-04-05T00:28:55.038-07:00क्रान्तियां हमेशा नेताओं से होती है। प्रत्येक क्र...क्रान्तियां हमेशा नेताओं से होती है। प्रत्येक क्रान्ति के पीछे कोई नेता रहा है। जनता तो नेता के पीछे चलती हैं। लेकिन आज तो समाज ने नेता को ही सबसे अधिक भ्रष्ट सिद्ध कर दिया है। इसलिए सुधार चाहिए तो वास्तविक भ्रष्ट व्यक्ति को चाहे वो राजनेता हो, या नौकरशाह या आम जन, चिन्हित करके समाज के सामने प्रस्तुत करना होगा। केवल नेता भ्रष्ट हैं कह देने से भ्रष्टाचार मिटेगा नहीं अपितु बढ़ेगा। क्योंकि हमने अपने भ्रष्टाचार को या अनाचार को भी नेता के माथे मढ़ दिया है। तो ऐसे में क्रान्ति दूत नेता कहाँ से आएगा? इस देश में हजारों नेता है क्या सारे ही अनाचारी हैं? इसलिए अच्छे लो्गों को चिन्हित करना पड़ेगा। नेता सुभाष भी थे, नेता जयप्रकाश नारायण भी थे। आज भी है जो श्रेष्ठ कार्य कर रहे हैं लेकिन मीडिया का कार्य सभी को एक तराजू में तौलने का हो गया है इसलिए समाज की उनके प्रति श्रद्धा खत्म कर दी गयी है ऐसे में कौन परिवर्तन करेगा? व्यापक बहस की जरूरत है, इस मुद्दे पर।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-64907875990221232412010-04-04T08:50:34.118-07:002010-04-04T08:50:34.118-07:00विचारोत्तेजक!विचारोत्तेजक!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-45121461099446117992010-04-04T06:22:20.334-07:002010-04-04T06:22:20.334-07:00महेन्द्र भाई ,
भाषण तो मैं भी नहीं दे रहा हूं मैं ...<i> <b> महेन्द्र भाई ,<br />भाषण तो मैं भी नहीं दे रहा हूं मैं तो एक आम आदमी की सोच बता रहा हूं और शायद आप ठीक से पढते तो पता चल जाता कि मैं हर जगह यही कहा है .........हम और आप ....और हां जिस क्षमता की बात कर रहे हैं आप , वो सबमें होती है ..बस खुद को पहचानने की जरूरत होती है ...और सबसे बडी बात कि निराशा से तो कुछ हासिल होने वाला भी नहीं है न ..। स्नेह बनाए रखिएगा </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-66727245858349973772010-04-04T06:18:18.797-07:002010-04-04T06:18:18.797-07:00अब बदलाव की ज़रूरत है ......सच कहाअब बदलाव की ज़रूरत है ......सच कहाDevhttps://www.blogger.com/profile/05009376638678868909noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-20687398245204023002010-04-04T06:09:04.470-07:002010-04-04T06:09:04.470-07:00बदलाव लाने के लिए कुछ कर गुजरने की क्षमता होना चाह...बदलाव लाने के लिए कुछ कर गुजरने की क्षमता होना चाहिए मात्र भाषण से सार्थक नतीजे नहीं निकलते है मित्रवर .... अच्छा विषय उठाने के लिए धन्यवादसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-72593668772804615312010-04-04T04:53:37.768-07:002010-04-04T04:53:37.768-07:00विल्कुल सही कहा आपने...
बदलाव के लिए लीडरशिप की आव...विल्कुल सही कहा आपने...<br />बदलाव के लिए लीडरशिप की आवश्यकता होती है....<br />हमलोग ज्यादातर तो चीजों को मैनेज करने में लगे रहते हैं....<br />संवेदनशील प्रस्तुति......<br />http://laddoospeaks.blogspot.com/कृष्ण मुरारी प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/00230450232864627081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-27507268022164517752010-04-04T03:46:51.571-07:002010-04-04T03:46:51.571-07:00बदलाव तो जगत का नियम है। यह सतत चलता है। लेकिन यदि...बदलाव तो जगत का नियम है। यह सतत चलता है। लेकिन यदि उसे सही दिशा की ओर न मोड़ा जाए तो वह गलत की तरफ चला जाता है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-29788780627938975082010-04-04T03:43:11.780-07:002010-04-04T03:43:11.780-07:00रॉबिनहुड का शानदार रेखा -चित्र भी आपके कहे को रे...रॉबिनहुड का शानदार रेखा -चित्र भी आपके कहे को रेखांकित कर रहा है.मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-30607635649904455122010-04-04T03:02:55.809-07:002010-04-04T03:02:55.809-07:00सही कहा आपने। बदलाव लाये जाते हैं और बदलाव लाने के...सही कहा आपने। बदलाव लाये जाते हैं और बदलाव लाने के लिए स्वयं में बदलाव आवश्यक है अन्यथा बुराई के विरुद्ध खड़ा नहीं हुआ जा सकता है। किसी की पंक्तियाँ याद आतीं हैं-<br /><br />ये दुनिया है शराफत से जहाँ पर हक नहीं मिलता<br />नहीं बागी कोई होता, बगावत करनी पड़ती है<br /><br />और साथ ही-<br /><br />सोचा समझा इजहारे गम नपी तुली चालाक हँसी<br />सीख लिया है हमने यारो जीने के आदाब बहुत<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन<br />09955373288<br />www.manoramsuman.blogspot.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-4426148995909265402010-04-04T02:37:59.398-07:002010-04-04T02:37:59.398-07:00भैया साहब बिल्लकुल्ल असल कह रए हो
चलो हो जाये एक ...भैया साहब बिल्लकुल्ल असल कह रए हो <br />चलो हो जाये एक पाडकास्टबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.com