tag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post6044464519474146178..comments2023-05-28T02:59:32.011-07:00Comments on आज का मुद्दा...........: विकास या विध्वंस : तय खुद करना हैअजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-26162059974355428582010-03-12T09:52:12.221-08:002010-03-12T09:52:12.221-08:00धन्यवाद सर .....मगर एक प्रश्न अब भी दिमाग में घूम ...<i> <b> धन्यवाद सर .....मगर एक प्रश्न अब भी दिमाग में घूम रहा है कि ...फ़िर क्या ये माना जाए कि ...अमरीका, फ़्रांस , जर्मनी बनने के लिए ...के उन्हीं रास्तों को चुनना पडेगा ...या कि वो जिस पर अभी भारत चल रहा है ??? </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-66738284882568526652010-03-12T09:09:50.682-08:002010-03-12T09:09:50.682-08:00आप ने गंभीर मुद्दे उठाए हैं। लेकिन वास्तविकता कुछ ...आप ने गंभीर मुद्दे उठाए हैं। लेकिन वास्तविकता कुछ और है। दो खेमें तो हैं दुनिया में विकसित देश और विकासशील देश हैं। जितनी हिंसा है वह सब विकासशील देशों के बीच है। वस्तुतः विकसित देशों की संपूर्ण अर्थव्यवस्था। विकासशील देशों के शोषण पर आधारित है। इस कारण से वे यहाँ कुछ और ही मुद्दे गरमाए रहते हैं। आतंकवाद उन की इस काम में मदद करता है। वे उसे पनपाते रहे, उस की मदद करते रहे। अब वही पनपा हुआ आतंकवाद उन के खुद के लिए और पूरी दुनिया के लिए खतरा बन गया है। <br />इस विश्वव्यापी मंदी को तो आना ही था। ईराक और अफगानिस्तान न होते तो और जल्दी आती। उन युद्धों से तो युद्धोपयोगी सामग्री बनाने वाले उद्योगों को बचा लिया गया। <br />सही बात तो यह है कि आतंकवाद ने विकासशील देशों को नष्ट किया और उन के आगे बढ़ने में बाधा पैदा की। यदि अमरीका भारत को आतंकवाद से बचाने में रुचि रखता तो अब तक बहुत से आतंकवादी पकड़े गए होते जिन्हों ने भारत में आतंकवाद फैलाया। अमरीका नहीं चाहता कि आतंकवाद भारत में कम हो वह चाहता है भारत उसी में उलझा रहे। वह सिर्फ अपने को बचाना चाहता है, भारत को नहीं, पाकिस्तान को भी नहीं। क्यों की भारत और पाकिस्तान में शांति रहेगी तो वे अमरीका के लिए और अधिक आर्थिक समस्याएँ और चुनौतियाँ प्रस्तुत कर सकते हैं। चीन की तरह।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-19920082360079437152010-03-12T08:28:34.516-08:002010-03-12T08:28:34.516-08:00अब इस विनाश से विकास की ओर कैसे पहुंचा जायेगा,दूसर...अब इस विनाश से विकास की ओर कैसे पहुंचा जायेगा,दूसरों के लिए परेशानी खड़े करने वाले कब खुद बारूद के ढेर पर खड़े हो जाते है नहीं जानतेsonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-28458035959810480082010-03-12T08:20:32.782-08:002010-03-12T08:20:32.782-08:00अगले युग के लिए शुभकामनायें...ये तो दे ही सकते है ...अगले युग के लिए शुभकामनायें...ये तो दे ही सकते है बाकी कोशिशों के साथ.<br /><br />अच्छा सधा हुआ चिन्तन!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com