tag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post8105738172848755455..comments2023-05-28T02:59:32.011-07:00Comments on आज का मुद्दा...........: निशाना बनती फ़िल्मेंअजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-9806763918929662272010-02-11T05:55:00.745-08:002010-02-11T05:55:00.745-08:00ये लोग व्यवस्था के चाकर हैं। व्यवस्था संकट में है।...ये लोग व्यवस्था के चाकर हैं। व्यवस्था संकट में है। महंगाई बेरोजगारी बढ़ रही है। न्याय व्यवस्था लाचार है। ऐसे में लोगों का ध्यान हटाने के लिए कुछ तो होना चाहिए। क्या शिवसेना, क्या कांग्रेस। ये सब इस व्यवस्था के चाकर हैं। शिकार हर बार जनता ही होती है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7207842174518478014.post-82794292072337745962010-02-11T05:15:08.423-08:002010-02-11T05:15:08.423-08:00बिलकुल सही कहा है शायद ये शडयन्त्र देश को तोदने के...बिलकुल सही कहा है शायद ये शडयन्त्र देश को तोदने के लिये ही है कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिये कितना गिर सकते हैं ये ठाकर्3ए परिवार को देख कर अन्दाज़ा लगाया जा सकता है धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com