बुधवार, 14 अक्टूबर 2009

पहली पोस्ट, आपका स्नेह, और अमर उजाला में स्थान



ये तो इस ब्लोग की पिछली पोस्ट में ही बता चुका हूं कि कुछ गंभीर लिखने को प्रेरित होकर इस नये ब्लोग की शुरूआत की । वादे के अनुसार पहली पोस्ट लिखी जो कि बच्चों के बदलते मनोविज्ञान या कहूं कि शहरी बच्चों के बदलते मनोविज्ञान पर आधारित थी। आशा के अनुरूप आप सबने खूब स्नेह और मार्गदर्शन के साथ उस नये ब्लोग को प्रोत्साहित किया। मगर शायद अभी दीवाली का तोहफ़ा भी मिलना था इस ब्लोग को सो आज के अमर उजाला ने इस ब्लोग की पहली पोस्ट और इकलौती भी, को अपने नियमित स्तंभ ब्लोग कोना में स्थान देकर मेरा और इस ब्लोग का सम्मान बढा दिया। आप सबके स्नेह और साथ के लिये बहुत बहुत शुक्रिया और अमर उजाला का आभार ।
उम्मीद है कि इस ब्लोग पर इसी तरह अलग अलग विषयों पर लिख कर इसकी सार्थकता को कायम रखने के अपने प्रयास में सफ़ल रह पाऊंगा । मेरे लिये ये और भी अधिक खुशी की बात है क्योंकि शायद ये कम ही होता है कि ब्लोग बनने और पहली पोस्ट लिखे जाने के चौबीस घंटे के भीतर ही ऐसी खुशी मिल जाये।


16 टिप्‍पणियां:

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  2. पाबला जी के ब्‍लाग पर भी आपकी प्रशंसा कर आयी हूं .. आपकी मेहनत का फल आपको मिलना ही है .. एक बार फिर से बहुत बहुत बधाई !!

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  3. हम तो सुबह - सुबह ही प्रसन्न हो गए थे आपकी पोस्ट देखकर ...बधाई

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  4. एक बार और बधाई

    पार्टी की बात न भूल जाना, अधिक खुशी में :-)

    बी एस पाबला

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  5. झा जी,

    आपके विचारों का उजाला ऐसे ही अमर बना रहे...

    दीवाली आपके और घर वालों के लिए मंगलमयी हो...

    जय हिंद...

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  6. इतना अच्‍छा लिखोगे तो

    पहली पोस्‍ट क्‍या चीज है

    हर पोस्‍ट के जरिए रोज ही

    अखबार में छपे दिखोगे और

    बहुत ही सार्थक लिख कर

    कलम का मान रखोगे।

    बधाई।

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  7. अच्छा चीज सभी को पसंद आती है। ऐसे ही सार्थक लेखन करते रहें, यही कामना है।
    धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    ----------
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मुद्दों पर मैंने अपनी सोच तो सामने रख दी आपने पढ भी ली ....मगर आप जब तक बतायेंगे नहीं ..मैं जानूंगा कैसे कि ...आप क्या सोचते हैं उस बारे में..